राजस्थानी हाइकू पर आपरो घणो-घणो मान करां सा....मायड़भोम आर मायड़भाषा रो मान जरुरी है...
मंगलवार, 14 अप्रैल 2009
3 हाइकु
1.
न सपनो आयो
न आंखडली
झपकाई
ढोलो परदेस गयो
2.
ओ कागला
सुण कबूतर
म उडज्या
उ
3.
थै डोर
म्हें पतंग
डून्ड मं बिछड
या
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